Lord Rama Death in Hindi | क्या आपको भगवान राम की मृत्यु से जुड़े रोचक तथ्य पता हैं? उनकी मृत्यु से जुड़ी पूरी कहानी जानिए!
कैसे हुई प्रभु श्री राम की मृत्यु
यदि आप प्रभु श्री राम के भक्त हैं और उनकी मृत्यु के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लेख में उनकी मृत्यु से जुड़े कुछ रोचक तथ्य पढ़ सकते हैं। भगवान श्री राम की महिमा और उनके जीवन से जुड़ी कहानियां अद्वितीय हैं। उन्हें विष्णु भगवान के सातवें अवतार के रूप में माना जाता है और उनकी भक्ति आज भी सर्वोत्तम मानी जाती है।( lord rama death in hindi) उनके जीवन के रोमांचक किस्से और अद्वितीय उपक्रम लोगों को आज भी प्रेरित करते हैं। ऐसी ही अनसुनी कहानी में से एक है श्री राम की मृत्यु से जुड़ी रोचक कथा। यह प्रश्न बहुतों के मन में आता है कि भगवान् के अवतार श्री राम की मृत्यु कैसे हुई? (lord rama death story in Hindi) चलिए, जानें प्रभु श्री राम की मृत्यु से जुड़ी कथाएं और उनके प्राचीन रहस्य।
पहेली कथा
रामायण और अन्य पुराणों के अनुसार, प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व में हुआ था। वे अयोध्या के राजा दशरथ के प्रमुख पुत्र थे और उन्हें भगवान विष्णु के अवतार माना जाता है। उनके विशेष कृत्यों और धर्म के पालन से वे मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से प्रसिद्ध हैं। अयोध्यावासी उन्हें अपने नेता और प्रेरणा स्रोत के रूप में मानते थे, और उनके वनवास जाने के बाद उनकी अस्तित्व की कमी अत्यंत दुखी कर दी थी। प्रभु श्रीराम की मृत्यु से जुड़ी पहेली कथा में बताया जाता है कि सीता ने अपने दोनों बच्चों लव और कुश को प्रभु श्रीराम को सौंपा और धरती माँ के साथ ठरती में समा गईं। इस घटना के बाद प्रभु श्रीराम इतने दुखी हो गए कि उन्होंने यमराज से सहमति लेकर सरयू नदी में जल समाधी ले ली।
दूसरी कथा
भगवान श्री राम ने धरती पर 1000 वर्षों से भी अधिक समय तक शासन किया। उनके इस लंबे शासकाल में, भगवान राम ने हिंदू धर्म को एक गौरवमयी इतिहास प्रदान किया है। पंडित प्रशांत मिश्रा जी के अनुसार, पद्मपुराण में वर्णित है कि जब भगवान राम अपना अवतारकाल समाप्त कर ऋषि के रूप में प्रकट हुए, तब काल (यमराज) भी एक ऋषि के रूप में आए के रूप में उनसे बात करने का आग्रह किया। (story of Ramayana) इस समय पर भगवान राम ने कहा कि कोई भी हमारे बीच न आए।
उस समय प्रभु श्री राम ने भ्राता लक्ष्मण से कहा कि वे एकांत में काल से वार्तालाप करना चाहते हैं, इसलिए आप दरवाज़े पर पहरा दें ताकि कोई भीतर प्रवेश न कर सके। इस दौरान ऋषि दुर्वासा वहां आ गए और राम जी से मिलने का आग्रह करने लगे। लक्ष्मण जी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, परंतु ऋषि दुर्वासा क्रोधित हो गए। (biography of lord rama) दुर्वासा के क्रोध से बचने के लिए लक्ष्मण जी कमरे में प्रवेश कर गए जहां श्री राम वार्तालाप कर रहे थे। ( lord rama death in hindi) यह देखकर श्री राम भी लक्ष्मण पर कुपित हुए और उन्हें मृत्यु दंड न देकर देश निकाला दे दिया। लक्ष्मण जी के लिए यह निर्णय मृत्यु के समान था, इसलिए वे सरयू नदी में समा गए और शेषनाग का रूप धारण कर लिया। (lord ram death story in Hindi) भाई की जलसमाधि से आहत होकर श्रीराम ने भी जल समाधि का निर्णय लिया। वे सरयू नदी में प्रवेश कर भगवान विष्णु के रूप में वापस चले गए। (life of lord rama) इस प्रकार, श्रीराम ने मानव शरीर का त्याग कर बैकुंठ धाम की ओर प्रस्थान किया। वास्तव में, यह कथा भगवान श्री राम के जीवन की सबसे रोचक कथाओं में से एक है। (biography of lord rama)
जुड़ी सबसे रोचक कथाओं में से एक है।(lord ram death story in Hindi) जुड़ी सबसे रोचक कथाओं में से एक है और यह बताती है कि कैसे उन्होंने मनुष्य रूप को त्यागकर वापस विष्णु रूप में प्रस्थान किया। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो कृपया इसे साझा करें और इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ जुड़े रहें।
रामलला के कितने नाम… जानकीवल्लभ से सत्यव्रत तक, कैसे प्रभु श्रीराम को मिले 108 नाम?